नव तरंगें लिए नव उमंगें लिए
नव बरस आ रहा है तेरी राह पर।
पल गुजरते रहे हम भी चलते रहे,
पर न पहुंचे कहीं कद्म थमते रहे,
कर न पाए थे कुछ पा न पाए थे कुछ,
मौत आती रही हम भी मरते रहे,
वक्त़ फिर चल दिया अंत की राह पर,
हम यूं ठहरे रहे भ्रांति की राह पर,
नव तरंगें लिए नव उमंगें लिए
नव बरस आ रहा है तेरी राह पर।
नव गगन देने तुझको कोई आ रहा,
नव चमन देने तुझको कोई आ रहा,
है उम्मीदें नई है नई ये पवन है नई,
खुशनुमा से हैं ये पल ये अगन है नई,
अब न रुकना कभी तू न थकना कभी,
जो कदम चल पड़े हैं अमन राह पर,
नव तरंगें लिए नव उमंगें लिए
नव बरस आ रहा है तेरी राह पर।
सभी को नव वर्ष की मंगल कामनाएं।
——कुमार आदित्य
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नव वर्ष के आगमन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं …
आपको भी ढेरों शुभकामनाएं।