है वसंत का मौसम प्यारा, सूरज का बढ़ गया है पारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।1।।
पेड़ों से गिरते पत्तों ने,
पुष्पों की खिलती कलियों ने,
हर मन है अगन लगाई,
जैसे जागी हो तरूणाई,
इस मौसम का खेल निराला, मैं भी फिरता हूं मतवारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।2।।
जब ठंडक जाने को होती,
प्यारा मौसम आता है,
धरती की धानी चुनरी पर,
नभमंडल इतराता है,
फागुन के गीतों की धुन पर, बाजे मन का हर इकतारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।3।।
यह मौसम यादों का मौसम,
जब भी मिलने आता है,
हर दिल में होती है हलचल,
हर युवा मन गाता है,
कामदेव के रथ सवार हो, चंदा को मिल गया है तारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।4।।
चल चलें सजाएं प्रीत ज़रा,
खोजें अपना मनमीत ज़रा,
प्रेम हिलोर उठे जब दिल में,
गाएं फिर मल्हार ज़रा,
इस मौसम में इस जीवन को, प्रियतम का यूं मिले सहारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।5।।
है वसंत का मौसम प्यारा, सूरज का बढ़ गया है पारा,
बारिश की टिप-टिप बूदों ने, गाया प्यार का गीत दुबारा।।6।।
————————————————-कुमार आदित्य